रायपुर 21 नवंबर 2024। छत्तीसगढ़ में एसीबी की कार्रवाई लगातार जारी है,एंटी करप्शन ब्यूरो की टीम ने अब दो अलग, अलग में मामले में रिश्वत लेते मत्स्य पालन विभाग के संयुक्त निदेशक, राजस्व निरीक्षक और पटवारी को गिरफ्तार किया है, बताया जा रहा है कि आवेदक नरेंद्र श्रीवास निवासी खमतराई, सरकंडा जिला बिलासपुर ने एंटी करप्शन ब्यूरो रायपुर में शिकायत की थी कि वह कार्यालय सहायक संचालक, मत्स्य पालन विभाग जांजगीर-चांपा में उपयंत्री के पद पर पदस्थ है, संयुक्त संचालक (मत्स्य) देव कुमार सिंह द्वारा उनके लंबित विभागीय कार्यों के लिए 2 लाख रुपए रिश्वत की मांग की जा रही है।
वहीं आवेदक रिश्वत नहीं देना चाहता था,बल्कि आरोपी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़वाना चाहता था.. शिकायत का सत्यापन कर आज 20 नवंबर 2024 को ट्रैप आयोजित कर आरोपी देव कुमार सिंह, संयुक्त संचालक मत्स्य पालन, इंद्रावती भवन, नवा रायपुर को रिश्वत की रकम की पहली किश्त 1,00,000 रूपये लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया, मामले में उनके खिलाफ धारा 7 पीसी एक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत आगे की कार्रवाई की जा रही है।
राजस्व निरीक्षक और पटवारी भी रिश्वत लेते गिरफ्तार….
उधर जमनीपाली जिला कोरबा के राजस्व निरीक्षक और पटवारी को भी एसीबी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, बताया जा रहा है कि आवेदक संजय दिवाकर वर्तमान निवासी बाकीमोंगरा,कोरबा ने एंटी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की थी, कि उन्होंने ग्राम जमीनपाली में जमीन खरीदने के लिए भूमि मालिक शत्रुघ्न राव से सौदा तय किया था, जिसके लिए उन्होंने पूर्व पंजीकरण सीमांकन के लिए आवेदन किया है।
वहीं जब आवेदक आगे की कार्रवाई के लिए आरआई जमनीपाली अश्वनी राठौर से मिला तो उन्होंने पूरी करवाई के लिए 15 हजार रुपए रिश्वत की मांग की और पटवारी जमनीपाली धीरेंद्र लाटा को पैसा देकर सीमांकन की आगे की कार्रवाई करने कहा, शिकायत के सत्यापन के दौरान पटवारी धीरेंद्र लाटा ने बातचीत कर 13 हजार रुपए में सौदा तय किया और प्रार्थी से 5 हजार रुपए ले लिए।
इधर सत्यापन के बाद 20 नवंबर 2024 को ट्रैप का अयोजन कर आरोपी पटवारी धीरेंद्र लाटा और राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर को रिश्वत की अगली किश्त 8 हजार रुपए लेते हुए रंगे हाथों पकड़ लिया गया, आरोपियों को हिरासत में लिया गया है, और उनके आवासों की भी तलाशी ली जा रही है, मामले में आरोपियों के खिलाफ पीसी एक्ट 1988 की धारा 7 और 12 के प्रावधानों के तहत् आगे की कार्रवाई की जा रही है।