CG कांकेर / चारामा 24 नवंबर :- ब्लॉक चारामा और भिरौद क्षेत्र में हो रहे भारी रेत खनन और उससे जुड़े वाहनों के आवागमन के कारण सड़कें पूरी तरह से खराब हो चुकी हैं। स्थानीय लोग इस स्थिति से बेहद परेशान हैं। रेत खदानों से रात-दिन अनियंत्रित खनन और भारी वाहनों की आवाजाही ने सड़क की हालत जर्जर कर दी है। इससे आवागमन में न केवल दिक्कतें हो रही हैं, बल्कि दुर्घटनाओं की आशंका भी लगातार बढ़ रही है।
ग्रामीणों का कहना है कि नदियों से रेत खनन के दौरान पानी के साथ रेत निकाले जाने से सड़क किनारे पानी जमा हो जाता है। भारी वाहनों के लगातार आवागमन से यह समस्या और गंभीर हो गई है। दिनभर चलने वाले इन ट्रकों और डंपरों के कारण सड़कों पर गड्ढे बन गए हैं।
रात में स्थिति और भी खतरनाक हो जाती है। बिना नियम-कायदों के चलने वाले भारी वाहनों के कारण सड़क पर हादसों की संख्या बढ़ रही है। स्थानीय निवासियों का कहना है कि रेत खनन के कारण सड़कें खराब हो चुकी है कुछ जगह टूटी तो कुछ जगहों पर दलदल जैसा हो गया हैं, जिससे दैनिक जीवन प्रभावित हो रहा है। रात में आवागमन करना जोखिमभरा हो गया है, और कई बार दुर्घटनाएं होते-होते बची हैं।
जिम्मेदारी तय होनी चाहिए
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि इस अव्यवस्था को तुरंत रोका जाए। रेत खनन के नियमों का सख्ती से पालन करवाया जाए और खराब हो चुकी सड़कों की मरम्मत करवाई जाए। अगर जल्द ही इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो यह स्थिति और गंभीर हो सकती है और कई जानलेवा दुर्घटनाएं हो सकती हैं।
प्रशासन क्या कर रहा है?
प्रश्न यह उठता है कि रेत खनन की निगरानी और नियमों का पालन सुनिश्चित करना किसकी जिम्मेदारी है? क्या प्रशासन इन समस्याओं को नजरअंदाज कर रहा है? क्या रेत खनन से जुड़े माफियाओं पर कार्रवाई होगी? यह सवाल अब आम जनता के बीच चर्चा का विषय बन गया है।