कांकेर/चारामा: छत्तीसगढ़ के धान खरीदी केंद्रों में कंप्यूटर ऑपरेटरों ने अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। इससे राज्य में धान खरीदी का काम पूरी तरह से ठप हो गया है। हड़ताल का मुख्य कारण खाद्य विभाग में संविलियन, वेतनमान में 27% वृद्धि, और स्थायी रोजगार की गारंटी जैसी मांगें हैं।
ऑनलाइन प्रक्रिया प्रभावित, किसानों को हो रही परेशानी
राज्य में धान खरीदी को पूरी तरह से ऑनलाइन कर दिया गया है, और इसमें कंप्यूटर ऑपरेटरों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। ऑपरेटर न केवल किसानों को टोकन जारी करने में मदद करते हैं, बल्कि बायोमेट्रिक सत्यापन और जीपीएस आधारित धान उठाव जैसे कार्य भी करते हैं। उनकी अनुपस्थिति में किसानों को टोकन प्राप्त करने और धान बेचने में भारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
मांगें पूरी होने तक जारी रहेगी हड़ताल
छत्तीसगढ़ समर्थन मूल्य धान खरीदी कंप्यूटर संघ के प्रदेश अध्यक्ष ऋषिकांत मोहरे ने बताया कि जब तक उनकी तीन सूत्रीय मांगें पूरी नहीं होतीं, हड़ताल जारी रहेगी। इन मांगों में शामिल हैं:
1. संविलियन की मांग: 2007 से कार्यरत डाटा एंट्री ऑपरेटरों को खाद्य विभाग में संविलियन किया जाए।
2. वेतन वृद्धि: संविदा वेतनमान में 27% की वृद्धि कर इसे ₹23,350 मासिक किया जाए।
3. आउटसोर्सिंग का विरोध: आगामी खरीफ वर्ष 2025-26 के लिए डाटा एंट्री ऑपरेटरों को आउटसोर्सिंग से नियोजित करने के प्रावधान को रद्द किया जाए।
प्रदेश भर में 2739 डाटा एंट्री ऑपरेटर इस आंदोलन में शामिल हो गए हैं। इससे न केवल धान खरीदी, बल्कि धान के उठाव और अन्य प्रक्रियाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
किसानों की समस्याएं बढ़ीं:-
ऑपरेटरों की गैरमौजूदगी में टोकन और बायोमेट्रिक सत्यापन का काम रुक गया है। कई किसानों को मोबाइल पर टोकन लेने में कठिनाई हो रही है। वहीं, धान लेकर आए किसानों का सत्यापन न हो पाने से उन्हें वापस लौटना पड़ रहा है।