बालोद 1 मई 2025। रिपोर्टर – जगन्नाथ साहू
बालोद वनमंडल क्षेत्र में वन्य प्राणियों की रहस्यमयी मौतों का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा है। ताजा मामला नारागांव जलाशय के पास का है, जहां एक और नीलगाय जैसी लाश मिलने से क्षेत्र में सनसनी फैल गई है। स्थानीय लोगों ने आशंका जताई है कि यह शव चार से पांच दिन पुराना हो सकता है और संभवतः यह किसी शिकार या हिंसक हमले का नतीजा है।
मृत जानवर के शरीर से सिर्फ एक पैर, धड़ और कुछ चमड़ी के हिस्से ही बचे हैं, जिससे दो संभावनाएं सामने आ रही हैं—या तो यह नीलगाय शिकारियों का शिकार बनी है, जिन्होंने मांस निकालने के बाद शव को छोड़ दिया, या फिर किसी जंगली शिकारी जानवर जैसे तेंदुए ने इस पर हमला किया है। हालांकि इसकी पुष्टि जांच और फॉरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद ही हो सकेगी।
इससे पहले, 18 अप्रैल को नारागांव स्थित सियादेवी मंदिर के स्टॉप डेम के पास एक नीलगाय मृत अवस्था में पाई गई थी। उस मामले में पोस्टमार्टम रिपोर्ट में हार्ट अटैक को मौत का कारण बताया गया था। उस समय एसडीओ डिम्पी बैस ने यह जानकारी दी थी कि रिपोर्ट से ही सटीक कारण स्पष्ट हुआ।
अब दोबारा एक नीलगाय जैसे वन्य प्राणी की संदिग्ध मौत और वन विभाग की अनभिज्ञता कई सवाल खड़े कर रही है। यदि यह वाकई किसी वन्य प्राणी की हत्या है तो वन विभाग की निगरानी और संरक्षण व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं।
एसडीओ डिम्पी बैस ने कहा कि सियादेवी जलाशय में हुई पहले की मौत के बाद किसी अन्य वन्य प्राणी की मौत की कोई सूचना विभाग को प्राप्त नहीं हुई है। हालांकि गुण्डरदेही क्षेत्र में एक बंदर की मौत हुई है।
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