सुकमा 25 मई 2025:-;सुकमा जिले के दूरस्थ और माओवाद प्रभावित पोलमपाड गांव में चार दशकों के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बिजली पहुंच गई। यह ऐतिहासिक उपलब्धि न केवल गांव के विकास की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह सरकार की अंतिम छोर तक सेवा पहुंचाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक भी बन गई है।
पोलमपाड गांव, जो नक्सल प्रभावित क्षेत्र में आता है, सुरक्षा कारणों और दुर्गम भौगोलिक परिस्थितियों के चलते अब तक बिजली जैसी बुनियादी सुविधा से वंचित रहा था। ग्रामीणों ने वर्ष 1985 के बाद से बिजली का इंतजार किया था, लेकिन हर बार आश्वासन ही हाथ लगे। इस बार छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (CSPDCL) और प्रशासन के संयुक्त प्रयासों से यह संभव हो सका।
बिजली पहुंचने के साथ ही गांव में उत्सव का माहौल है। ग्रामीणों ने मिठाइयाँ बांटी और रात में बल्ब की रोशनी में पहली बार अपने घरों को रोशन होते देखा। गांव की सरपंच रेखा कश्यप ने बताया, “हमने कभी नहीं सोचा था कि अपने जीवनकाल में गांव में बिजली देख पाएंगे। अब बच्चों की पढ़ाई, स्वास्थ्य केंद्र और अन्य सेवाएं बेहतर हो पाएंगी।”
राज्य सरकार ने इसे “विकास की जीत” बताया है। जिले के कलेक्टर ने कहा कि यह काम सुरक्षा बलों के सहयोग और स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद से संभव हो पाया है। आने वाले समय में शेष बचे गांवों तक भी बिजली पहुंचाने का अभियान तेज किया जाएगा।
यह उपलब्धि न केवल बुनियादी सुविधा की बहाली है, बल्कि यह नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सरकार की पैठ मजबूत करने और विश्वास बहाल करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
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