कांकेर 7 नवंबर 2025:-जिले के चारामा वन परिक्षेत्र के ग्राम डेढ़कोहका में जंगलों की अवैध कटाई का बड़ा मामला सामने आया है। लंबे समय से ग्रामीण इलाके के घने जंगलों में पेड़ों की चोरी-छिपे कटाई की जा रही थी, लेकिन इस पूरे घटनाक्रम की भनक वन विभाग को तक नहीं लगी। विभाग एक ओर “एक पेड़ मा के नाम” जैसे संदेशों से लोगों को जागरूक करता है, वहीं दूसरी ओर असल जंगल लगातार उजड़ते रहे और विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं रही।
बताते चले कि ग्रामीणों के शिकायत करने पर आज वन विभाग की टीम आखिरकार गांव पहुंची और बड़ी मात्रा में जलाऊ लकड़ी जब्त की। वन अधिकारियों के अनुसार लगभग 70 से 80 पेड़ों को काटा गया है। लेकिन ग्रामीणो सूत्र के मुताबिक दावा इससे बिल्कुल अलग है। बता दे की जंगल में 1000 से अधिक पेड़ों की कटाई हो चुकी है, वन की कटाई विभाग की लापरवाही या कमजोर निगरानी को दर्शाता है।
यह मामला विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़ा करता है—क्या नियमित गश्त होती है? क्या विभाग को जमीन पर चल रही गतिविधियों की जानकारी है? यदि नहीं, तो इतनी बड़ी संख्या में पेड़ कैसे काटे गए?
ग्रामीणों का कहना है कि इस मामले पर सही स्तर पर जांच हो और कटाई में शामिल लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, ताकि जंगलों को बचाया जा सके। अब सबकी नजर इस बात पर है कि आगे वन विभाग किस तरह की सख्त कदम उठाता है और क्या डेढ़कोहका जैसे अन्य क्षेत्रों में भी ऐसी अवैध कटाई की जांच होगी। फिलहाल स्पष्ट है जंगल लगातार कट रहे हैं और कार्रवाई देर से हो रही है।
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