चारामा – शासकीय शहीद गेंदसिंह महाविद्यालय, चारामा में “जनजातीय समाज का गौरवशाली अतीत – ऐतिहासिक, सामाजिक एवं आध्यात्मिक योगदान” विषय पर एक दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ। जिसमें मुख्य अतिथि के रूप में सेवानिवृत्त न्यायाधीश बी. एस. सलाम ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती और शहीदों के छायाचित्रों पर दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. के. के. मरकाम ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की, जबकि अतिविशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त शिक्षिका सुनीति सलाम, विशिष्ट अतिथि हेमकुमारी तारम सरपंच जैसाकर्रा और जनभागीदारी समिति के अध्यक्ष अंकित जैन, उत्तम साहू,उत्तम साहू, आशीष वीके, देवेन सिन्हा, सुशील निषाद, रुपेश देवांगन, महावीर उसेंडी
उपस्थित रहे। महाविद्यालय के छात्र-छात्राओं ने स्वागत गीत के माध्यम से सभी अतिथियों का स्वागत किया।
मुख्य वक्ता, सामाजिक कार्यकर्ता भूपेन्द्र नाग ने अपने वक्तव्य में जनजातीय समाज के ऐतिहासिक, सामाजिक और आध्यात्मिक योगदान पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य छात्रों और समाज के समक्ष जनजातीय समाज की गौरवशाली धरोहर को उजागर करना था।
इस अवसर पर छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक नृत्य प्रस्तुत किया गया और रंगोली प्रतियोगिता के माध्यम से वीर शहीदों के चित्र बनाए गए। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के पारंपरिक व्यंजनों की प्रदर्शनी भी लगाई गई। कार्यक्रम में वीर शहीदों की गाथाओं को पर्दे के माध्यम से प्रदर्शित किया गया।
कार्यक्रम के अंत में अतिथियों ने अपने संबोधन में जनजातीय समाज के महत्व और उनके योगदान की सराहना की। इस आयोजन में महाविद्यालय के स्टाफ और छात्र-छात्राओं ने सक्रिय भागीदारी निभाई और कार्यक्रम को सफल बनाया।