बलौदा बाजार। जिले में पंचायत सचिवों की हड़ताल ने पंचायत कार्यों को पूरी तरह ठप कर दिया है। सचिवों की मांग है कि उन्हें शासकीय कर्मचारी का दर्जा दिया जाए। सरकार ने 24 घंटे के भीतर हड़ताल समाप्त करने का अल्टीमेटम दिया है, लेकिन सचिवों ने अल्टीमेटम की प्रति जलाकर विरोध जताया।
मुख्य भाग:
1. हड़ताल की वजह और सचिवों की मांगें
• सचिवों का कहना है कि वे लंबे समय से शासकीयकरण की मांग कर रहे हैं।
• सरकार से उनकी प्रमुख मांग है कि उन्हें स्थायी कर्मचारी का दर्जा दिया जाए।
2. सरकार का रुख और चेतावनी
• प्रशासन ने पंचायत सचिवों को 24 घंटे के अंदर हड़ताल समाप्त करने की चेतावनी दी।
• कहा गया कि यदि हड़ताल खत्म नहीं हुई तो कार्रवाई की जा सकती है।
3. सचिवों का विरोध प्रदर्शन
• सचिवों ने अल्टीमेटम की प्रति जलाकर सरकार के रुख का विरोध किया।
• बड़ी संख्या में पंचायत सचिव अनिश्चितकालीन हड़ताल पर डटे हुए हैं।
निष्कर्ष:
सचिवों की हड़ताल से ग्रामीण प्रशासन प्रभावित हो रहा है। सरकार और सचिवों के बीच सहमति नहीं बनने से तनाव बढ़ता जा रहा है। आगे की स्थिति सरकार की प्रतिक्रिया और सचिवों के रुख पर निर्भर करेगी।
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