रिपोर्ट – जगन्नाथ साहू, बालोद
बालोद 17 जुलाई 2025। जिला मुख्यालय से सटे प्रसिद्ध धार्मिक व पर्यटक स्थल मां सियादेवी मंदिर जाने वाले मार्ग पर रविवार को बड़ा हादसा होते-होते टल गया। लगातार हो रही बारिश के कारण मंदिर मार्ग पर बने रपटे में पानी का बहाव तेज हो गया है। इसी दौरान लापरवाही का परिचय देते हुए दो युवक पानी के तेज बहाव को पार करने की कोशिश में बह गए। गनीमत रही कि मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने हिम्मत दिखाई और आनन-फानन में रेस्क्यू कर दोनों की जान बचा ली।
इस पूरी घटना का एक्सक्लूसिव वीडियो पर्यटकों ने रिकॉर्ड कर बस्तर एक्सप्रेस की टीम को भेजा, जिसने जिला प्रशासन की लापरवाही और सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है। वीडियो में साफ दिख रहा है कि श्रद्धालु—including महिलाएं और छोटे बच्चे—जान जोखिम में डालकर पानी से भरे रपटे को पार कर रहे हैं।
मां सियादेवी मंदिर समिति के प्रबंधक भारत साहू ने बताया कि मंदिर परिसर से सटे प्राकृतिक झरने और आसपास की हरियाली पर्यटकों और श्रद्धालुओं को अपनी ओर खींचती है। रोजाना भारी संख्या में लोग यहां दर्शन और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने आते हैं। बारिश के चलते रपटे में घुटनों से लेकर कमर तक पानी बह रहा है, बावजूद इसके लोग लापरवाही से उसे पार कर रहे हैं। रविवार को यही लापरवाही दो युवकों के लिए जानलेवा साबित होते-होते रह गई।
युवकों के बहते ही आसपास अफरा-तफरी और चीख-पुकार मच गई। उनके पीछे चल रही महिलाएं और बच्चे भी उस वक्त पानी में फंसे हुए थे। मौके पर मौजूद ग्रामीणों ने बहादुरी और सूझबूझ दिखाते हुए कड़ी मशक्कत के बाद दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाला।
गौरतलब है कि जिला प्रशासन द्वारा इस दार्शनिक पर्यटक स्थल पर सुरक्षा को लेकर कई दावे किए जाते हैं, लेकिन मौके पर हालात बिल्कुल उलट हैं। त्यौहार और छुट्टियों के समय यहां श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है, परंतु सुरक्षा व्यवस्था नदारद है। आज की घटना ने प्रशासन की तैयारियों की पोल खोल दी है।
स्थानीय लोगों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से मांग की है कि बरसात के मौसम में मंदिर जाने वाले मार्ग और रपटे पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं, ताकि श्रद्धालु और पर्यटक जान जोखिम में डालने से बच सकें।
👉 सवाल यह है कि क्या जिला प्रशासन किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहा है? श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए तत्काल कदम उठाने की जरूरत है।
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