दीपावली के ग्यारहवें दिन बाद मनाया जाने वाला देवउठनी एकादशी पर्व नगर में हर्ष और उल्लास के साथ मनाया गया। इसे छोटी दिवाली के रूप में मान्यता दी जाती है और इसी के अनुरूप नगरवासियों में सुबह से ही विशेष उत्साह देखने को मिला।
रंगोली और गन्ने की बिक्री में तेजी:नगर में सुबह से ही रंगोली, गन्ना और मिठाइयों की दुकानों पर भीड़ देखी गई। लोग बड़े उत्साह के साथ इस पावन पर्व के लिए सजावट और पूजन सामग्री की खरीदारी करते नजर आए।गांव-गांव में सांस्कृतिक कार्यक्रम हुआ इस अवसर पर कई गांवों में सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।
घर-घर में जलाए गए दीप, सजाई गई रंगोली शाम होते ही नगर के घरों में दीप जलाए गए, जिससे पूरा क्षेत्र रोशनी से जगमगा उठा। घरों में महिलाओं ने श्रद्घा के साथ रंगोली सजाई। इसके साथ ही गन्ने का मंडप सजाकर तुलसी के पौधे की पूजा की गई।
बच्चों ने की आतिशबाजी, मनाई छोटी दीपावली बच्चों ने आतिशबाजी कर इस पर्व की खुशियां मनाई। देवउठनी एकादशी के इस शुभ अवसर पर सभी ने एक-दूसरे को बधाई दी और शुभ कार्यों की शुरुआत का संकल्प लिया। हिंदू परंपरा के अनुसार तुलसी विवाह के बाद सभी प्रकार के मांगलिक कार्य प्रारंभ करने का समय शुभ माना जाता है।