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कांकेर – भुईयां ऐप में गलती से तीन ग्राम के 200 से अधिक किसान नहीं बेच पाएंगे अपना धान — डिजिटल क्रॉप सर्वे बना परेशानी का कारण, किसान पहुंचे कलेक्टरेट, सुधार की मांग

कांकेर 25 अक्टूबर 2025:- एक ओर जहां किसानों को बेमौसम बारिश की मार झेल रहे है वही एक और बड़ी समस्या किसानों के पास खड़ी हो गई है,इस वर्ष अब तीन ग्राम के 200 से अधिक किसानों पर भारी संकट आन पड़ी  है। इस बार ये किसान अपनी मेहनत की कमाई यानी धान नहीं बेच पाएंगे। वजह है — भुईयां ऐप में दर्ज गलत जानकारी। डिजिटल क्रॉप सर्वे के दौरान हुई त्रुटि अब किसानों के सामने बड़ी है मुसीबत बनकर खड़ी हो गई है।

दरअसल, कांकेर जिले के ग्राम पंचायत परसोदा, किशनपुरी और पदमपुर के किसानों ने शिकायत की है कि उनके खेतों की गिरदावली (फसल बोआई का रकबा) ऐप में “शून्य” दिखा रही है। इससे संबंधित जानकारी उन्हें तब मिली जब ग्राम पंचायत भवन के बाहर लगे सूचना पटल में यह सूची जारी की गई। जब किसानों ने विवरण देखा, तो हैरान रह गए — जिन खेतों में उन्होंने धान की फसल बोई है, वहां सिस्टम में कुछ भी दर्ज नहीं दिख रहा था।

किसान तुरंत पटवारी के पास पहुंचे ताकि गलती सुधारी जा सके, लेकिन वहां एक और समस्या सामने आई — भुईयां ऐप खुल नहीं रहा था। नतीजतन, किसान बार-बार चक्कर काटने को मजबूर हैं। सुधार के लिए अंतिम तारीख 30 अक्टूबर तय की गई है, और अगर तब तक सुधार नहीं हुआ तो ये किसान अपनी फसल नहीं बेच पाएंगे।

ग्रामीणों ने बताया कि यह पूरा सर्वे डिजिटल क्रॉप सर्वे (DCS) के तहत किया गया था, जिसे ग्राम के ही कुछ युवकों को प्रति हेक्टेयर ₹10 की दर से गिरदावली करने का जिम्मा दिया गया था। लेकिन डेटा भरने के दौरान गलत जानकारी दर्ज हो गई। अब वही गलती किसानों की मेहनत पर पानी फेरने जा रही है। ग्रामवासियों ने कहा कि वे बेमौसम बारिश से पहले ही नुकसान झेल रहे थे  फसल  कटाई के समय खराब हुईं, और अब सरकार की तकनीकी प्रक्रिया की गड़बड़ी ने उन्हें और मुश्किल में डाल दिया है। किसान  कलेक्टरेट पहुंचकर कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा है, और मांग की है कि समय रहते त्रुटि को सुधारा जाए।

वहीं, पटवारी का कहना है कि यह समस्या डिजिटल क्रॉप सर्वे ऐप में तकनीकी खामी के कारण उत्पन्न हुई है। और लगभग 200 से अधिक किसानो को ये समस्याओं का सामना करना होगा।

क्या है डिजिटल क्रॉप सर्वे? – भारत सरकार द्वारा शुरू की गई यह एक आधुनिक तकनीकी पहल है, जिसका उद्देश्य किसानों के खेतों की वास्तविक जानकारी डिजिटल माध्यम से एकत्र करना है। इससे बीमा, मुआवजा, और समर्थन मूल्य जैसी योजनाओं के लिए सटीक डेटा उपलब्ध होता है,परंतु वर्तमान में यह योजना कई किसानों के लिए परेशानी का कारण बन गई है।

किसान बोले,,अगर जल्द समाधान नहीं हुआ तो करेंगे आंदोलन किसानों का कहना है कि अगर जल्द सुधार नहीं हुआ, तो वे धान बेचने से वंचित रह जाएंगे। इससे न केवल आर्थिक नुकसान होगा बल्कि खाद-बीज के लिए लिया गया कर्ज भी नहीं चुका पाएंगे। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द समस्या का हल नहीं निकला तो वे उग्र आंदोलन करेंगे।

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About Pankaj Yadu

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