कोंडागांव, 12 जुलाई 2025।
अवैध प्रेम संबंध से उपजे षड्यंत्र ने एक बार फिर जान ले ली। कोण्डागांव जिले की माकड़ी थाना पुलिस ने 30 जून 2025 को उड़ीसा सीमा से लगे ग्राम मगेदा के जंगल में मिले अज्ञात शव की गुत्थी सुलझाते हुए मृतक की पत्नी रवीना नागरची (23) और उसके प्रेमी विदेश मरकाम (30) को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार दोनों ने मिल-कर पति धर्मवीर नेताम (33) की हत्या की योजना महीनों पहले रची थी और उसे क्रिकेट बैट से वार कर मार डाला।
घटना का खुलासा ऐसे हुआ
शव की पहचान: मृतक के कपड़ों से मिली जली हुई एंटी-रेबीज पर्ची पर नाम “धर्मवीर, उम्र 33, निवासी नाथम” अंकित था। इसी सुराग से तमिलनाडु के धरमपुरी अस्पताल से संपर्क किया गया, जहाँ धर्मवीर का हाल में उपचार हुआ था।
तकनीकी जांच: मोबाइल टावर डाटा और हज़ारों कॉल रिकॉर्ड खंगालने पर पुलिस को विदेश मरकाम की लोकेशन घटना-स्थल पर मिली। उसके और रवीना के बीच लगातार संपर्क भी दर्ज हुआ।
पूछताछ व कबूलनामा: कोण्डागांव बस स्टैंड से पकड़े गए विदेश मरकाम ने स्वीकार किया कि उसके और रवीना के बीच प्रेम संबंध थे। धर्मवीर द्वारा पत्नी पर मारपीट के आरोप से तंग आकर दोनों ने हत्या का षड्यंत्र रचा।
हत्या की योजना और क्रियान्वयन
27 जून को विदेश मरकाम तमिलनाडु पहुँचा, बीमार धर्मवीर को “घर चलने” का झाँसा दिया और शराब पिलाते हुए उड़ीसा के रायघर ले गया। वहाँ उसने हत्या के लिए क्रिकेट बैट और शव जलाने के लिए पेट्रोल-माचिस खरीदी। मगेदा जंगल में बार-बार बैट से सिर पर वार कर धर्मवीर की हत्या की और पेट्रोल डालकर पहचान मिटाने की कोशिश की, पर बारिश के कारण शव पूरी तरह जल नहीं पाया।
बरामद साक्ष्य
हत्या में प्रयुक्त क्रिकेट बैट
आरोपियों के मोबाइल और घटनास्थल के लोकेशन डाटा
मृतक की एंटी-रेबीज पर्ची व अस्पताल का रिकॉर्ड
पुलिस टीम की सराहनीय भूमिका
पुलिस अधीक्षक वाय. अक्षय कुमार के निर्देश पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कौशलेन्द्र देव पटेल और एसडीओपी रुपेश कुमार के नेतृत्व में विशेष जांच दल बनाया गया। सायबर सेल निरीक्षक सौरभ उपाध्याय सहित तकनीकी दल और थाना माकड़ी स्टाफ की संयुक्त मेहनत से केस 12 दिन में सुलझा लिया गया।
अगली कार्रवाई
दोनों आरोपियों पर भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103 (हत्या) और संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर न्यायालय में पेश किया गया है। पुलिस अब अतिरिक्त फोरेंसिक साक्ष्यों, कॉल-डिटेल विश्लेषण और अपराध में सहायता देने वाले संभावित सहयोगियों पर जांच बढ़ा रही है।
निष्कर्ष
कोंडागांव पुलिस की तेजी और तकनीकी कौशल से यह जटिल मामला सुलझा, लेकिन घटना ने रिश्तों में विश्वास और पारिवारिक संवाद की अहमियत पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। कानून के शिकंजे में आए आरोपियों को अब अदालत में अपने कृत्य का जवाब देना होगा, जबकि पुलिस टीम को इस सफलता के लिए सराहना मिल रही है।
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