CG कांकेर:- संविधान दिवस के अवसर पर व्याख्यान का आयोजन किया गया। भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष 26 नवम्बर को ’’संविधान दिवस’’ मनाये जाने का निर्णय लिया गया। डाॅ. भीमराव अम्बेडकर भारतीय संविधान के प्रारूप निर्माण समिति के अध्यक्ष थे। भारतीय संविधान को 26 नवम्बर, 1949 को संविधान सभा में अंगीकृत, अधिनियमित और आत्मार्पित किया गया था। भारत राज्यों का एक संघ है। हमारा देश संसदीय प्रणाली पर आधारित एक संपूर्ण प्रभुत्व सम्पन्न, समाजवादी, लोकतंत्रात्मक गणराज्य है। यह गणराज्य संविधान के द्वारा शासित है। हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा एवं लिखित संविधान है। मूल संविधान में 22 भाग, 395 अनु़च्छेद और आठ अनुसूचियाँ थीं। वर्तमान में 104 संशोधनों के बाद 25 भाग, 448 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ हैं।
संविधान दिवस के अवसर पर सर्वप्रथम महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ. के. के. मरकाम द्वारा महाविद्यलाय विद्यार्थियों को संविधान के प्रस्तावना का वाचन करवाया गया। साथ ही अम्बेडकर एवं उनके योगदान को एक संक्षिप्त रूप में छात्र/छात्राओं के समक्ष प्रस्तुत करते हुऐ कहा कि। भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा संविधान है, जिसे तैयार होने में कुल 2 साल 11 महीने और 18 दिन लगे थे। कई देशों के संविधान के अधय्यन करने के बाद भारतीय संविधान को लागू किया गया था। भारत में हर साल 26 नवंबर को भारतीय संविधान दिवस मनाया जाता है। इस बार भारतीय संविधान को अपनाए हुए 75 वर्ष हो गए हैं। ऐसे में यह वर्ष देश वासियों के लिए खास है। हर साल इस दिवस की थीम बदलती है। इस कड़ी में इस बार संविधान दिवस की थीम ‘हमारा संविधान, हमारा स्वाभिमान’ है।
राजनीति विज्ञान विभाग के विभागाध्यक्ष श्री एम.एल.नेताम (सहायक प्राध्यापक राजनीति विज्ञान) द्वारा संविधान के प्रस्तावना के महत्वपूर्ण शब्दों की व्याख्या करते हुए इसकी महत्ता को विस्तार से स्पष्ट किया। तथा संविधान निर्माण की प्रक्रिया तथा वर्तमान परिदृश्य में इसकी उपयोगिता के संबंध में जानकारी प्रदान की । इस अवसर पर महाविद्यालय स्टॉफ डॉ. आयशा कुरैशी, दीपिका सोम, रविन्द्र सिंह चंद्रवंशी, कुलेश्वर प्रसाद,महेश कतलाम, प्रियंका दौलतानी, पूजा सोनकर, डोमेश केमरो,अनुप यादव , हितेंद्र बोरकर,मधुराम कावड़े, लक्ष्मी छाया भोजवानी, धर्मेन्द्र सिन्हा सहित महाविद्यालय के छात्र/छात्रा उपस्थित थें। फोटो