चारामा 12 दिसंबर 2024। छत्तीसगढ़ शासन के कृषि विभाग द्वारा ग्रामीण आदिवासी परिवारों की आय में वृद्धि और वर्षभर पोषक आहार की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए “चिराग परियोजना” का क्रियान्वयन 15 जिलों के 27 विकासखंडों में किया जा रहा है। इस परियोजना को वर्ल्ड बैंक और आई.एफ.ए.डी. का सहयोग प्राप्त है।
चिराग परियोजना के तहत चिन्हांकित ग्रामों में पोषण आधारित गतिविधियों को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए “पोषण सखी” के रूप में महिलाओं का चयन किया गया है। इन्हें कार्य के लिए सक्षम बनाने हेतु चारामा के नागराज भवन में 10 से 12 दिसंबर तक तीन दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस कार्यक्रम में चयनित महिलाओं को चिराग परियोजना का परिचय, कुपोषण से बचाव, संतुलित आहार, कृषि और पोषण के बीच के संबंध, और सामाजिक व्यवहार परिवर्तन हेतु प्रभावी संचार कौशल की जानकारी दी गई। प्रशिक्षण में पीसीआई से मास्टर ट्रेनर सुनील कुमार और महिला एवं बाल विकास विभाग की सुपरवाइजर नीतू ध्रुव ने महिलाओं को प्रशिक्षित किया।
कार्यक्रम में चिराग कार्यालय रायपुर से शतानंद पांडे, डॉक्टर मोनिका चौहान, टीम लीडर एसबीसीसी चिराग, अनुविभागीय कृषि अधिकारी प्रमोद कुमार सार्वा, चिराग राज्य कार्यालय से जगजीत मिंज, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी राजकुमार सिन्हा, कृषि विकास अधिकारी राजाराम नेताम, और अन्य अधिकारियों ने प्रशिक्षण को सफल बनाने में योगदान दिया।
इस अवसर पर अनुविभागीय अधिकारी ने बताया कि यह प्रशिक्षण ग्रामीण आदिवासी महिलाओं को सशक्त बनाकर उनके परिवारों की पोषण स्थिति को सुधारने में मददगार साबित होगा। चिराग परियोजना के तहत इन “पोषण सखियों” के माध्यम से पोषण विविधता और आहार संतुलन के संदेश को घर-घर तक पहुंचाया जाएगा।
चिराग परियोजना के तहत पोषण और आय बढ़ाने की यह पहल न केवल आदिवासी परिवारों के जीवन स्तर को सुधारने में सहायक होगी, बल्कि पूरे समाज में पोषण और स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने का काम करेगी।