कांकेर 12 नवंबर 2025:- जिले के ग्राम मुड़पार दखनी में दो परिवारों ने ईसाई धर्म त्यागकर अपने पारंपरिक सनातन आस्था में लौटने का निर्णय लिया। ग्राम पंचायत में आवेदन देने के बाद शीतला मंदिर परिसर में वैदिक विधि-विधान से उनकी पुनः दीक्षा की गई। ग्रामीणों ने पगड़ी पहनाकर और पुष्प वर्षा कर दोनों परिवारों का स्वागत किया।
अनुष्ठान के दौरान बाइबल को प्रतीकात्मक रूप से नदी में प्रवाहित किया गया। इस मौके पर ग्रामीणों ने इसे नई शुरुआत और समाज में पुनः स्वीकार्यता का प्रतीक बताया।
स्थानीय लोगों के अनुसार, धर्म परिवर्तन के बाद इन परिवारों को सामाजिक और पारिवारिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा था। अंतिम संस्कार से लेकर सार्वजनिक आयोजनों तक में दूरी बढ़ गई थी। अब उनके पुनः शामिल होने से गांव में सौहार्द का माहौल बना है।
गांव के सरपंच, पटेल और समिति के पदाधिकारियों ने कहा कि हाल के महीनों में धर्मांतरण के विरोध और सामाजिक जागरूकता अभियान का असर दिखने लगा है। कई लोग अपनी परंपरा और आस्था की ओर लौटने का निर्णय ले रहे हैं।
इस अवसर पर बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद रहे, जिनमें गंगाराम शोरी, सियाराम शोरी, अमर सिंह कुमेटी, रामचंद मंडावी, राजकुमार कश्यप, मोहन यादव, कमल ध्रुवा, श्याम सिंह कोडोपी, दशरथ मरकाम, राजेन्द्र मंडावी, अनिल मंडावी, बीरेंद्र जैन, चैत नेताम, नंदकिशोर मंडावी, गोविन्द वट्टी, सोनाराम यादव, दिनेश यादव, अजीत मंडावी, राधेश्याम खिलाड़ी, बसंत मंडावी, उकेश नेताम, नील कुमार और प्यारे लाल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण शामिल रहे।

धर्मांतरण छोड़ लौटे दो परिवार, ग्रामीणों ने पहनाई पगड़ी और किया स्वागत
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