कांकेर। पूरे देश में जहां महाशिवरात्रि की उत्सवधर्मिता देखी जा रही थी, वहीं कांकेर वन मंडल के कोरर में पदस्थ वन कर्मी नारायण सिंह यादव के निधन से क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई। 18 जनवरी 2025 को ग्राम डोंगरकट्टा में एक भालू के हमले में दो ग्रामीणों की मृत्यु हो गई थी, जबकि एक अन्य ग्रामीण और वन कर्मी श्री यादव गंभीर रूप से घायल हो गए थे। इलाज के दौरान 25 फरवरी को श्री यादव का निधन हो गया।
यह कांकेर वन मंडल के इतिहास में पहला मामला है, जब किसी वन कर्मी की मृत्यु वन्य प्राणी के हमले से उपचार के दौरान हुई हो। आज ग्राम मोगरागहन में उनके पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया गया, जहां वन मंडल के अधिकारियों और कर्मचारियों ने उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर देकर अंतिम विदाई दी।
वन शहीद का दर्जा देने की मांग
इस मौके पर छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी संघ के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा ने श्री यादव को “वन शहीद” का दर्जा देने की मांग की और वन मंडल अधिकारी श्री आलोक बाजपेई से इस संबंध में कार्रवाई करने का आग्रह किया। श्री बाजपेई ने शोकाकुल परिवार से मुलाकात कर विभागीय सहयोग का आश्वासन दिया और दुख की इस घड़ी में उनके साथ खड़े रहने की बात कही।
पूरे वन विभाग ने दी श्रद्धांजलि
अंतिम संस्कार के दौरान वन मंडल अधिकारी कांकेर, उप वन मंडल अधिकारी कोरर, परिक्षेत्र अधिकारी कोरर सहित पूरा वन विभाग मौजूद रहा। वृत स्तरीय उड़न दस्ता प्रभारी श्री धनलाल साहू ने सभा को संबोधित किया और सभी उपस्थित जनों से दो मिनट का मौन रखकर दिवंगत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की।
श्री यादव का बलिदान वन विभाग के कठिन एवं जोखिम भरे कार्यों को दर्शाता है। उनकी स्मृति को चिरस्थायी बनाए रखने के लिए वन विभाग और कर्मचारी संघ द्वारा आगे की कार्यवाही किए जाने की उम्मीद जताई जा रही है।
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