गरीबों के लिए निर्धारित सब्सिडी वाला चावल 20-25 रुपये किलो में बेचा जा रहा, कोचियों का संगठित रैकेट सक्रिय
कांकेर/कोण्डागांव, 21 अप्रैल 2025
कांकेर/कोण्डागांव जिले में सरकार द्वारा गरीबों और जरूरतमंदों के लिए संचालित सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) की योजना को बिचौलियों और कोचियों ने मुनाफे का जरिया बना लिया है। जिले के साप्ताहिक हाट बाजारों में एक संगठित गिरोह द्वारा खुलेआम पीडीएस चावल की कालाबाजारी की जा रही है, जबकि जिम्मेदार विभाग आंख मूंदे बैठे हैं।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार बीपीएल कार्डधारकों को 1 रुपये और एपीएल कार्डधारकों को 10 रुपये प्रति किलो की दर से मिलने वाला सरकारी चावल अब हाट बाजारों में 20 से 25 रुपये किलो में खुलेआम बेचा जा रहा है। यह चावल कोचिए थोक में खरीदते हैं और फिर इसे स्थानीय राइस मिलों या अन्य राज्यों में ऊँचे दामों पर खपाया जाता है।
कृषि मंडी लाइसेंस की आड़ में धंधा
जांच में सामने आया है कि कई कोचियों के पास कृषि मंडी समिति से किसानों से उपज खरीदने का वैध लाइसेंस है, लेकिन इसका दुरुपयोग कर वे पीडीएस चावल की अवैध खरीद-फरोख्त कर रहे हैं। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि गरीबों के अधिकारों पर सीधा प्रहार है।
प्रशासनिक चुप्पी पर उठे सवाल
स्थानीय नागरिकों और सामाजिक संगठनों का आरोप है कि जिला प्रशासन और खाद्य विभाग को इस अवैध कारोबार की जानकारी होने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई अब तक नहीं हुई है। इससे साफ है कि या तो प्रशासन की मिलीभगत है या घोर लापरवाही।
जनता की मांगें और चेतावनी
आक्रोशित जनता और सामाजिक संगठनों ने सरकार से मांग की है कि:
1. साप्ताहिक हाट बाजारों में पीडीएस चावल की बिक्री पर तुरंत रोक लगाई जाए।
2. अवैध खरीद-फरोख्त में शामिल लोगों की पहचान कर सख्त कार्रवाई की जाए।
3. खाद्य विभाग की निष्क्रियता की उच्च स्तरीय जांच कर दोषियों को दंडित किया जाए।
4. हाट बाजारों में निगरानी तंत्र को सुदृढ़ किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं रोकी जा सकें।
अगर शीघ्र कार्रवाई नहीं की गई, तो जनआंदोलन की चेतावनी भी दी जा रही है।
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