सुकमा 13 जनवरी 2025। नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी (इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस) ने एक 10 वर्षीय मासूम आदिवासी बच्ची की जिंदगी को झकझोर दिया। यह घटना चिंतलनार थाना क्षेत्र के तिम्मापुरम गांव की है, जहां खेलते-खेलते बच्ची सोढ़ी ने गलती से प्रेशर आईईडी को ट्रिगर कर दिया। इससे हुए विस्फोट में बच्ची गंभीर रूप से घायल हो गई।
तिम्मापुरम गांव, जो लंबे समय से नक्सली आतंक के कारण बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, वहां न कोई बस सेवा है और न ही टैक्सी की सुविधा। इस विकट परिस्थिति में, घायल बच्ची के पिता उसे अपनी गोद में उठाकर मदद की गुहार लगाते हुए लगभग दौड़ते हुए पुलनपाड़ के सीआरपीएफ कैंप पहुंचे।
सीआरपीएफ के जवानों ने तुरंत मदद करते हुए प्राथमिक उपचार शुरू किया और बच्ची को चिंतलनार स्थित सीआरपीएफ फील्ड अस्पताल में रेफर किया। बच्ची की गंभीर स्थिति को देखते हुए सुरक्षाबल और चिकित्सकीय टीम लगातार उसके इलाज पर नजर बनाए हुए हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही सुकमा एसपी किरण चव्हाण और सीआरपीएफ डीआईजी आनंद सिंह राज पुरोहित ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने मामले का जायजा लिया और बच्ची की स्वास्थ्य स्थिति पर लगातार अपडेट प्राप्त कर रहे हैं।
आतंक का प्रतीक बनता आईईडी:
यह घटना एक बार फिर बताती है कि नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को निशाना बनाने के लिए लगाए गए आईईडी, निर्दोष ग्रामीणों और मासूम बच्चों के लिए कितना खतरनाक साबित हो रहे हैं। तिम्मापुरम जैसे दुर्गम क्षेत्रों में नक्सली गतिविधियां ग्रामीणों के जीवन को निरंतर खतरे में डाल रही हैं।
(रिपोर्ट: सुकमा संवाददाता)