बीजापुर, छत्तीसगढ़।
जिले में शिक्षा विभाग और राजीव गांधी शिक्षा मिशन द्वारा संचालित स्कूल भवनों के मरम्मत कार्यों में कथित भ्रष्टाचार का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हाल ही में भाजपा जिला अध्यक्ष घांसी राम नाग द्वारा लगाए गए आरोपों के बाद अब बीजापुर के कांग्रेस विधायक विक्रम शाह मंडावी ने भी इस मुद्दे को गंभीरता से उठाया है।
विधायक मंडावी ने कलेक्टर बीजापुर को पत्र लिखकर मामले की जांच की मांग की है। उन्होंने अपने पत्र में बताया कि छत्तीसगढ़ शासन द्वारा जिले के 84 प्राथमिक, माध्यमिक और हाई स्कूल भवनों के मरम्मत कार्य के लिए प्रत्येक भवन पर ₹80,000 की दर से कुल ₹72,40,000 की राशि स्वीकृत की गई थी। ये कार्य जिला शिक्षा अधिकारी के माध्यम से संपन्न होने थे।
हालांकि, स्थानीय प्रतिनिधियों और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार कई स्कूलों में मरम्मत कार्य अधूरा है, फिर भी पूर्ण राशि के आहरण का दबाव बनाया जा रहा है। विधायक मंडावी ने इसे “बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार” करार देते हुए मामले की गहन जांच और दोषियों के विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की मांग की है। अपने पत्र के साथ उन्होंने मरम्मत प्रस्तावित स्कूलों की सूची भी संलग्न की है।
इससे पहले भाजपा जिला अध्यक्ष ने भी जिला शिक्षा अधिकारी पर कमीशनखोरी और विभागीय कर्मचारियों द्वारा मनमाने तरीके से कार्य कराने का आरोप लगाया था।
बड़ा सवाल:
क्या बीजापुर में शिक्षा विभाग और राजीव गांधी शिक्षा मिशन में चल रहे निर्माण और मरम्मत कार्यों की निष्पक्ष जांच होगी? क्या दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई होगी या यह मामला भी अन्य मामलों की तरह ठंडे बस्ते में चला जाएगा?
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