कांकेर, 17 दिसंबर 2025 — जिले के आमाबेड़ा क्षेत्र के बड़े तेवड़ा गांव में सरपंच के पिता की मौत के बाद शव दफन को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। बताया जा रहा है कि सरपंच के परिवार द्वारा धर्म परिवर्तन किया गया था। पिता की मृत्यु के बाद सरपंच ने गांव में ही शव को दफन कर दिया, जिसके बाद ग्रामीणों में भारी आक्रोश फैल गया।
पिछले दो दिनों से शव को कब्र से बाहर निकालने की मांग को लेकर ग्रामीण प्रदर्शन कर रहे थे। इसी दौरान प्रदर्शन हिंसक हो गया। शव को बाहर निकालने पहुंचे ग्रामीणों और ईसाई समुदाय के लोगों के बीच झड़प हो गई, जिसमें एक दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए। घायलों को इलाज के लिए आमाबेड़ा प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती कराया गया है। इस दौरान कुछ पुलिसकर्मियों के घायल होने की भी खबर है।
फिलहाल पुलिस ने दोनों पक्षों को अलग-अलग क्षेत्रों में रखा है और गांव को पूरी तरह सील कर दिया गया है। बाहरी व्यक्तियों के गांव में प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल बना हुआ है। पुलिस ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर रखी है। देर शाम तक दोनों पक्ष अपने-अपने समर्थकों के साथ बैठक करते रहे, जबकि पुलिस और प्रशासन स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं।
इस संबंध में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक दिनेश सिन्हा ने मीडिया को बताया कि शव दफन के बाद दो पक्षों के बीच झड़प हुई थी। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इस झड़प में किसी भी पुलिसकर्मी को चोट नहीं आई है। पुलिस ग्रामीणों को शांत कराने में जुटी हुई है।
वहीं, अपर कलेक्टर अंजोर सिंह पैकरा ने बताया कि चन्द्रू राम सलाम की मृत्यु हो गई थी, जिनका अंतिम संस्कार उनके बेटे रजमन सलाम द्वारा अपने घर की बाड़ी में किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि रजमन सलाम ने मसीह धर्म अपना लिया था, जबकि उनके पिता हिंदू धर्म को मानते थे। इसके बावजूद पिता का अंतिम संस्कार मसीह रीति-रिवाजों से किया गया, जिसका ग्रामीणों और हिंदू संगठनों ने विरोध किया। इसी कारण गांव में दो गुटों के बीच मारपीट हुई, जिसमें आठ ग्रामीण घायल हो गए, जिन्हें अस्पताल ले जाया गया।
इधर, इस मामले में रजमन सलाम का एक वीडियो भी वायरल हो रहा है। वीडियो में उन्होंने बताया कि काफी समय से उनके पिता की तबीयत ठीक नहीं थी। 15 दिसंबर को उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई, जिसके बाद वे उन्हें जिला अस्पताल लेकर गए, जहां उनकी मृत्यु हो गई। इसके बाद वे शव को लेकर अपने गृह ग्राम बड़े तेवड़ा पहुंचे और ग्राम के समाज प्रमुखों व पदाधिकारियों से पिता के अंतिम संस्कार को लेकर चर्चा की।
रजमन सलाम के अनुसार, उनके पिता हिंदू धर्म को मानते थे और उन्होंने ग्राम की परंपराओं के अनुसार अंतिम संस्कार करने की सहमति भी दी थी, जिसमें वे स्वयं मिट्टी देने को तैयार थे। लेकिन सरपंच चुनाव में उनके विपक्षी प्रत्याशी और उनके सहयोगियों ने इसका विरोध किया और कहा कि मसीह धर्म अपनाने के कारण उनके पिता का अंतिम संस्कार ग्राम की रीति-रिवाजों से नहीं किया जाएगा। इसके बाद उन्होंने मसीह धर्म के अनुसार अपने पिता का अंतिम संस्कार किया। आरोप है कि चुनाव में हारे प्रत्याशी द्वारा बाहरी संगठनों को बुलाकर शव के कफन-दफन को लेकर विवाद खड़ा किया गया।
फिलहाल गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है और प्रशासन पूरी सतर्कता के साथ स्थिति पर नजर रखे हुए है। पुलिस की मौजूदगी बढ़ा दी गई है और दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।

CG – कांकेर में धर्मांतरण को लेकर बवाल,शव कफन – दफन को लेकर दो गुटों में हिसक झड़प, कई लोगों सहित पुलिसकर्मियों की भी घायल होने की खबर…
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