बालोद:- जिले में अवैध के साथ-साथ परमिशन के नाम पर रॉयल्टी पर्ची में डाका डाल मुरुम उत्खनन करने का खेल जोरशोर से जारी है जिसपर अंकुश लगा पाने में विभाग नाकाम साबित हो रहें या यू कहे विभाग के रहमों करम पर खनन करने वाले शासन को राजस्व का चूना लगाने में लगे हैं।
ताजा मामला जिले के ग्राम पंचायत हथौद मैदान स्थित तालाब से मुरुम खनन करने का हैं जहां माइनिंग विभाग से परमिशन ले रायल्टी पर्ची में खेला कर एक ही पर्ची से कई ट्रिप मुरुम निकालने का खेल खेला जा रहा हैं।
माइनिंग विभाग द्वारा लक्ष्य डड़सेना को तालाब से मुरूम खनन करने की परमिशन दे रॉयल्टी बुक जारी किया गया हैं जिसमें नियम के तहत प्रत्येक ट्रिप का रॉयल्टी पर्ची काटना होता हैं किन्तु संबंधित व्यक्ति द्वारा एक ही रायल्टी पर्ची से हाईवा में कई ट्रिप मुरुम निकाला जा रहा हैं जिसमें ना तो कोई समय का उल्लेख हैं और ना ही खनन स्थल पर रायल्टी बुक मौजूद होता हैं।
मैं निकल गया हूं तुम भी निकल लो..?
अवैध उत्खनन को लेकर माइनिंग विभाग पर अक्सर खनन माफियाओं से सांठगांठ का आरोप लगते रहता हैं और लगाना भी लाजमी है जब कुछ ऐसी परिस्थितियां बनती हैं।
तालाब से मुरुम खनन के मामले में भी कुछ ऐसी ही परिस्थिति बनी जब मामले की जानकारी माइनिंग विभाग के जिलाधिकारी मीनाक्षी साहू को देने पर उनके द्वारा माइनिंग इंस्पेक्टर शशांक सोनी और अन्य स्टाप को खनन स्थल पर जांच के लिए रवाना किया गया।
संयोग या सहयोग..?
इसे संयोग कहे या कुछ और..? जेसीबी मशीन से खनन कर लगातार तीन हाईवा में मुरुम परिवहन कर रहें लक्ष्य डड़सेना ऑफिस से अधिकारी के निकलते ही मुरुम खनन बंदकर अपना जेसीबी और हाईवा तालाब से निकाल चलाता बना जो विभाग की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल खड़ा करता है।
यह रिश्ता क्या कहलाता है.?
खनन स्थल पर पहुंचे माइनिंग इंस्पेक्टर शशांक सोनी से
उनके ऑफिस से निकलते ही मुरूम खनन बंद कर जेसीबी मशीन और हाईवा ले जाने को लेकर उनसे सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कई ट्रांसपोर्टर ऑफिस में उपस्थित थे उन्हीं में से कोई जानकारी दिए होंगे अब ऐसे में सवाल उठता हैं कि क्या ट्रांसपोर्टर को अधिकारी की एक-एक चाल की जानकारी सम्भव हैं या खनन करने वालों और अधिकारी के बीच कोई ख़ास रिश्ता है..?
जिलाधिकारी ने कहा होगी कार्रवाई
मामले में जिला खनिज अधिकारी मीनाक्षी साहू का कहना हैं कि 4 हजार घन मीटर मुरुम खनन की परमिशन दे रॉयल्टी बुक जारी की गई है रायल्टी पर्ची में समय अंकित ना करना और खनन स्थल पर रॉयल्टी बुक ना होना अनियमितता की श्रेणी में आता है जांच में अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई करते हुए लीज कैंसल भी की जा सकती है।
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