धमतरी 17 दिसम्बर 2025। “रोड तो बनवा दो साहब,सड़क मरम्मत तो करवा दो”! ये अल्फाज नक्सल प्रभावित वनांचल क्षेत्र के उन तमाम ग्रामीणों की है,जो मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं, उनकी सड़क की ये समस्या एक,दो या तीन साल से नहीं बल्कि बरसों पुरानी है, जिसका दंश वनांचल क्षेत्रवासी आज तक झेल रहे हैं, मन में विश्वास था, चेहरे पर एक उम्मीद थी, लिहाजा कई दफा जिम्मेदार अफसरों और जनप्रतिनिधियों से गुहार भी लगाए, कि चलो अब तो कोई सुनने वाला आयेगा, जिससे उनकी परेशानी दूर हो सके,लेकिन हुआ कुछ नहीं.. ऐसे में ग्रामीणों ने खुद ही आपस में मिलकर इस परेशानी से निजात पाने के लिए सोचा और पैसे इकट्ठा कर सड़क का मरम्मत करवा दी,इस तरह से लोगों ने बरसों से बेहाल पड़े खल्लारी से चमेंदा और गौर गांव पहुंच मार्ग को संवारकर आने जाने योग्य बना दिए,ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने ऐसा पहली बार किया हो, इससे पहले भी उन्होंने गांव पहुंचने वाले रास्ते में खुद की लागत से अस्थाई पुल का निर्माण कर आवाजाही कर रहे थे,लेकिन बारिश के बाढ़ ने उसे बहाकर ग्रामीणों की मेहनत पर सितम ढा दिया।
ग्रामीणों ने बताया कि धमतरी जिले के सिहावा – नगरी वनांचल क्षेत्र के अंतिम छोर पर बसे चमेंदा ग्राम पंचायत खल्लारी का आश्रित गांव है, जिसकी खल्लारी से दूरी करीब 6 किलोमीटर है,वहीं चमेंदा से गौरगांव की दूरी 4 किलोमीटर है,जहां ग्रामीणों ने श्रमदान कर इस मार्ग पर करीब 10 किलोमीटर सड़क मरम्मत करवा दी, उन्होंने बताया कि रोड मरम्मत कार्य के लिए उन्होंने पांच ट्रैक्टर और एक जेसीबी लगाया और खुद ही आपस में मिलकर सड़क का मरम्मत किए, जिसके लिए समिति और ग्रामीणों को 35 से 40 हजार की लागत लगी मतलब इतने रूपए उन्होंने खर्च किए, ग्रामीणों की माने तो सड़क मरम्मत कार्य के लिए उन्होंने सरपंच से कई बार मांग किए,गुहार लगाए, ग्राम सभा प्रस्ताव बनाकर सरपंच से आग्रह भी किए कि चमेंदा से खल्लारी पहुंच मार्ग बेहद ही जर्जर और खराब है जगह – जगह गड्ढे और नदी, नाले में पुल नहीं होने के चलते चमेन्दा, बुडरापारा के ग्रामीणों को आवाजाही के लिए भारी मुश्किलों से गुजरना पड़ता है, लोगों नई बताया कि इस पूरे मामले में ग्रामवासियों ने जब सरपंच से सड़क मरम्मत के लिए मांग किए तो उनके द्वारा बजट नहीं होने की बात की बात कही गई।
लिहाजा सड़क मरम्मत नहीं होने से आक्रोशित ग्रामीणों ने वन विभाग से बातचीत कर उनसे पूछकर कड़ी मेहनत किए और करीब दस किमी. की दूरी तक सड़क मरम्मत कार्य सफल अंजाम तक पहुंचाया, इस दौरान यह के लोगों ने मिलकर खूब पसीना बहाया रास्ते में नाले और गड्ढे भी मिले लेकिन उन्होंने हार नहीं माना और अपने खुद के जरूरतों के लिए करीब 90 ग्रामीणों ने श्रमदान कर गांव का सड़क मरम्मत करवाकर मिसाल पेश कर दी,लोगों का कहना है कि जनप्रतिनिधि या कोई भी प्रत्याशी चुनाव के समय हाथ जोड़कर वोट मांगने पहुंचते है, इस दौरान क्षेत्र की विकास को लेकर उनके द्वारा खूब दावे और वादे भी किए जाते है… लेकिन चुनाव जीतने के बाद कोई भी जनप्रतिनिधि उनकी समस्या को पूछने तो दूर की बात है,उनका हाल जानने तक कोई नहीं पहुंचते है।
ग्रामीणों ने बताया कि जिस पुल निर्माण के लिए सरपंच मोतीन बाई नेताम द्वारा 10 से 12 लाख की लागत बताया जा रहा था उसे ग्रामीणों ने तीन बड़े पाइप के सहारे सीमेंट डालकर पुल का निर्माण कर लिए, इस दौरान इस श्रमदान में करीब 90 से 95 ग्रामीण शामिल हुए, जहां उन्हें वार्ड पंच लीलाबाई नेताम और प्रेम बाई मरकाम और चरण सिंह नेताम का भी सहयोग मिला,ग्रामीणों ने बताया कि उन्होंने इस रास्ते होकर राशन के लिए खल्लारी या अन्य जरुरी काम से ब्लॉक और जिला मुख्यालय तक जाना होता है,वहीं मंडी भी रिसगांव जाना होता है लेकीन रोड खराब, गड्ढे और नाला होने से आवाजही के लिए बहुत परेशानी होती है,सूखे के दिनों में इस रास्ते से होकर जैसे, तैसे इनका आना जाना हो भी जाता है वहीं बारिश के दिनों में चारों तरफ नदी, नाले में पुल नहीं होने से इनका गांव मानो टापू में तब्दील हो जाता है,लिहाजा बारिश के बाद ग्रामीणों खुद के आने,जाने के लिए गड्ढों से सराबोर बदहाल सड़क की मरम्मत करवा दी।
मामले में कलेक्टर ने बताया कि खल्लारी का ये जो आश्रित ग्राम है वो टाईगर रिजर्व एरिया में आता है,उदंती सीतानदी एरिया में और वाइल्ड लाइफ का परमिशन उनके लिए अभी बीटी रोड का नहीं है,इसमें पूर्व में राज्य शासन को प्रेषित किया गया था, लेकिन वाइल्ड लाइफ का क्लियरेंस नहीं मिलने से वहां रोड का निर्माण नहीं किया जा सकता,वहां पे ग्रामीणों ने मिट्टी का रोड बनाया बहुत ही सराहनीय काम है,पॉसिबल होगा हम लोग मुरूम रोड का प्रपोजल अभी राज्य सरकार को प्रेषित करेंगे और क्लियरेंस आता है तो रोड का निर्माण किया जाएगा।

CG – 90 ग्रामीण,एक JCB और 5 ट्रैक्टर,सड़क के लिए मांग करते थके! नहीं हुई पूरी तो,जिले के अंतिम गांव के ग्रामीणों ने 40 हजार खर्च कर करवा दी मरम्मत, कलेक्टर ने कहा…
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