कांकेर 10 दिसंबर 2025:- आदिवासी समाज के पूर्व जिला अध्यक्ष एवं कांग्रेस नेता जीवन ठाकुर की संदिग्ध मौत के मामले में आज कांग्रेस की सात सदस्यीय जांच टीम कांकेर जिला जेल पहुंची। टीम ने जेलर से पूरी स्थिति की जानकारी लेने की कोशिश की, लेकिन टीम की संयोजक पूर्व मंत्री अनिला भेड़िया ने बताया कि जेलर हाल ही में पदस्थ हुए होने के कारण उन्हें मामले की पर्याप्त जानकारी नहीं थी।
जांच दल ने जिला अस्पताल का भी दौरा किया और उन डॉक्टरों से मिलने का प्रयास किया जिन्होंने जीवन ठाकुर का इलाज किया था, लेकिन डॉक्टरों ने टीम से मिलने से इंकार कर दिया। अनिला भेड़िया ने आरोप लगाया कि “15 दिनों में दो बार अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद जीवन ठाकुर की बीमारी को लेकर स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। ऐसा लग रहा है कि ऊपर से दबाव है चाहे जेलर हों या डॉक्टर, सभी किसी न किसी दबाव में हैं।अनिला भेड़िया ने यह भी बताया कि निर्धारित समय होने के बावजूद जीवन ठाकुर के बेटे को उनसे मिलने नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि व्यवहार से ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे शासन ने जीवन ठाकुर को किसी बड़े अपराधी की तरह ट्रीट किया हो।
पूर्व मंत्री ने प्रशासन और सरकार की गंभीर लापरवाही को जीवन ठाकुर की मौत का जिम्मेदार बताया। उनके अनुसार, जीवन ठाकुर को समय पर न खाना दिया गया और न ही उचित दवाइयाँ। ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर की समस्या होने के बावजूद सही उपचार नहीं मिला, जो स्पष्ट रूप से प्रशासनिक लापरवाही को दर्शाता है।
गौरतलब है कि जमीन विवाद के मामले में 12 अक्टूबर 2025 को जीवन ठाकुर को गिरफ्तार कर कांकेर जेल में रखा गया था। 2 दिसंबर को उन्हें बिना सूचना के रायपुर सेंट्रल जेल भेजा गया। इसी दौरान तबीयत बिगड़ने पर उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां 4 दिसंबर को उनकी मौत हो गई। परिजन इस मौत को जेल प्रशासन की बड़ी लापरवाही बता रहे हैं और उनका कहना है कि जीवन ठाकुर को कोई गंभीर बीमारी नहीं थी, समय पर उपचार मिलता तो उनकी जान बच सकती थी।अब इस पूरे घटनाक्रम की न्यायिक जांच के आदेश जारी कर दिए गए हैं। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रायपुर ने मामले की जांच के लिए निर्देश जारी किए हैं।

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