कांकेर 20 दिसंबर 2025:- जिले के ग्राम पंचायत जैसाकर्रा में नशामुक्ति को लेकर ग्रामीणों ने एकजुट होकर बड़ा फैसला लिया है। गांव में बढ़ती शराबखोरी और सूखे नशे की समस्या को लेकर एक महत्वपूर्ण बैठक आयोजित की गई, जिसमें सभी समाजों के ग्रामीण बड़ी संख्या में शामिल हुए। बैठक में गांव की मौजूदा स्थिति पर गंभीरता से चर्चा की गई।
ग्रामीणों ने बताया कि पिछले कुछ समय से गांव में नशे का चलन तेजी से बढ़ रहा था, जिसकी चपेट में खासकर युवा पीढ़ी आ रही थी। नशे के कारण कई बार गांव में आपसी विवाद, झगड़े और तनाव की स्थिति बन चुकी थी, जिससे सामाजिक माहौल प्रभावित हो रहा था। हालात को देखते हुए ग्रामीणों ने सर्वसम्मति से निर्णय लिया कि अब गांव में किसी भी प्रकार का नशा न तो बनाया जाएगा और न ही उसका सेवन किया जाएगा।
बैठक के दौरान सभी ग्रामवासियों ने जैसाकर्रा को नशामुक्त गांव बनाने की शपथ ली। साथ ही यह भी तय किया गया कि अगर कोई व्यक्ति गांव में शराब बनाने, बेचने या शराब पीकर हुड़दंग करता पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त सामाजिक कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए दंड का प्रावधान भी लागू किया जाएगा, ताकि नियमों का कड़ाई से पालन हो सके।
नशामुक्ति को लेकर जनजागरूकता फैलाने के उद्देश्य से ग्रामीणों ने गांव में रैली भी निकाली। रैली के दौरान “नशा छोड़ो–जीवन संवारो” और “नशामुक्त गांव–खुशहाल गांव” जैसे नारों के जरिए लोगों को नशे के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक किया गया। ग्रामीणों का कहना है कि यह पहल गांव में शांति, अनुशासन और बेहतर भविष्य की दिशा में एक मजबूत कदम है।
वही ग्राम के सरपंच रविलाल नायक ने बताया कि गांव में नशे की वजह से लगातार समस्याएं और विवाद हो रहे थे। इसे देखते हुए ग्राम पंचायत और ग्रामीणों ने मिलकर नशामुक्ति का फैसला लिया है। जो भी नियम तोड़ेगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
हल्बा समाज के समाज प्रमुख शयमसिंग तराम ने कहा कि नशा समाज और खासकर युवाओं के लिए बहुत नुकसानदायक है। आज सभी समाजों ने मिलकर इसे छोड़ने का संकल्प लिया है, ताकि आने वाली पीढ़ी सुरक्षित रह सके।
शिक्षक गोविंद साहू ने जानकारी दिया कि नशा बच्चों की पढ़ाई और उनके भविष्य को प्रभावित करता है। गांव का यह फैसला शिक्षा और संस्कार दोनों के लिए बहुत जरूरी है।
ग्राम के वार्ड पंच कनिष्क पांडे ने आज हुए बैठक को ग्राम में आने वाली नई क्रांति बताया कहा कि आज गांव के हर वर्ग ने इस अभियान में भाग लिया है। यह निर्णय गांव के विकास और सामाजिक शांति की दिशा में एक अहम कदम है।
जैसाकर्रा गांव का यह सामूहिक संकल्प न सिर्फ नशामुक्ति की दिशा में एक बड़ा कदम है, बल्कि यह अन्य गांवों के लिए भी एक प्रेरणा बन सकता है।


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