तंबाकू नियंत्रण काउंसलर पर बदसलूकी, धमकी और मनमानी का आरोप; डॉक्टर बोले – ‘स्वास्थ्य सेवाएं ठप करने को मजबूर न करें’
लोकेश सिन्हा गरियाबंद, छत्तीसगढ़:
गरियाबंद जिला अस्पताल में तैनात चिकित्सकों और स्वास्थ्य कर्मियों ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी (CMHO) डॉ. गार्गी यदु की बहन सृष्टि यदु पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि सृष्टि यदु, जो तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम में संविदा पर काउंसलर नियुक्त हैं, अस्पताल में अधिकारियों और कर्मचारियों से अभद्र व्यवहार कर रही हैं और पद का दुरुपयोग कर रही हैं।
डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ के अनुसार, सृष्टि यदु अस्पताल में “सुपर बॉस” की तरह व्यवहार कर रही हैं, जबकि उनके पास कोई प्रशासनिक अधिकार नहीं है। आरोप है कि वह स्टाफ को सार्वजनिक रूप से अपमानित करती हैं और CMHO से रिश्तेदारी का हवाला देते हुए नौकरी से निकालने और वेतन रोकने की धमकी देती हैं।
एक वरिष्ठ डॉक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया, “हमारा काम मरीजों का इलाज करना है, लेकिन अब हमें रोज़ डर के साये में काम करना पड़ता है। हमें ऐसे काम करने को कहा जाता है जिनका चिकित्सा से कोई लेना-देना नहीं है। विरोध करते हैं तो कहा जाता है – ‘CMHO मेरी बहन हैं, तुम्हें हटवा दूंगी।'”

इस व्यवहार से आहत होकर 60 से अधिक चिकित्सकों और अस्पताल कर्मचारियों ने जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा है और 48 घंटे में कार्रवाई की मांग की है। उनका कहना है कि अगर CMHO और उनकी बहन को गरियाबंद से नहीं हटाया गया, तो वे आपात सेवाओं को छोड़कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे।
प्रशासन के लिए अग्निपरीक्षा:
यह मामला अब सिर्फ एक अस्पताल तक सीमित नहीं रहा, बल्कि प्रशासनिक निष्पक्षता और नीतिगत प्रतिबद्धता की परीक्षा बन चुका है। सवाल यह है कि शासन की प्राथमिकता जनसेवा होगी या पारिवारिक संबंधों की सुरक्षा?
स्वास्थ्य विभाग और जिला प्रशासन की ओर से इस विवाद पर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। लेकिन गरियाबंद के लोगों को उम्मीद है कि उन्हें इलाज मिलेगा, न कि ईगो और दबाव की राजनीति।
Live Cricket Info
BastarExpress.Com बस्तर की छोटी बड़ी खबरों के लिए हमें फ़ॉलो करें।
