गरियाबंद। जिले के छुरा ब्लॉक मुख्यालय स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज में देरी के कारण एक गर्भवती महिला ममता गोंड (27 वर्ष) की दर्दनाक मौत हो गई। घटना के बाद स्वास्थ्य सेवाओं की गंभीर खामियां एक बार फिर उजागर हो गई हैं, वहीं परिजनों ने एंबुलेंस सेवा और अस्पताल प्रशासन पर लापरवाही का गंभीर आरोप लगाया है।
परिजनों के अनुसार, शनिवार सुबह करीब 9 बजे ममता की तबीयत बिगड़ने पर महतारी एक्सप्रेस को कॉल किया गया। लेकिन घंटों बाद एंबुलेंस पहुंची, जिससे हालात और बिगड़ गए। गंभीर अवस्था में ममता को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र छुरा लाया गया, जहां अस्पताल पहुंचने के बाद भी करीब आधे घंटे तक इलाज नहीं मिल पाया। परिजनों का आरोप है कि ममता अस्पताल लाए जाने के समय जीवित थी, लेकिन समय पर उपचार नहीं मिलने के कारण उसकी जान चली गई।
घटना के संबंध में डॉ. डी.एस. निषाद ने कहा कि वे उस समय ओपीडी में अन्य मरीजों का उपचार कर रहे थे और सूचना मिलते ही पहुंचे, लेकिन तब तक महिला मृत पाई गई थी।
ममता की मौत के बाद गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन और एंबुलेंस सेवा में भारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए उच्चस्तरीय जांच की मांग की है। इस घटना ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय नागरिकों ने भी स्वास्थ्य विभाग से दोषियों पर कार्रवाई और बेहतर चिकित्सा सुविधाओं की मांग की है।
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