कांकेर, दुर्गुकोंदल। धान खरीदी केंद्रों में व्याप्त अव्यवस्थाओं को लेकर किसानों की चिंताएं लगातार बढ़ती जा रही हैं। इस मुद्दे पर कृषि सभापति श्रीमती सुलोचना सोमदेव कोरेटी ने सरकार और प्रशासन का ध्यान आकृष्ट करते हुए कहा कि प्रदेश में किसान हितैषी सरकार होने के बावजूद जमीनी स्तर पर किसानों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने बताया कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन की पर्याप्त उपलब्धता नहीं है तथा प्रतिदिन धान खरीदी की निर्धारित क्षमता भी बेहद कम रखी गई है। इसके चलते किसान समय पर अपनी उपज नहीं बेच पा रहे हैं और बार-बार खरीदी केंद्रों के चक्कर लगाने को मजबूर हैं। दुर्गुकोंदल ब्लॉक के लगभग सभी धान खरीदी केंद्रों की स्थिति चिंताजनक बनी हुई है।
कृषि सभापति ने कहा कि धान खरीदी को प्रारंभ हुए लगभग एक माह का समय बीत चुका है, लेकिन इसके बावजूद दुर्गुकोंदल ब्लॉक में किसान अब तक केवल लगभग 20 प्रतिशत धान ही बेच पाए हैं। शासन द्वारा निर्धारित समय-सीमा के अनुसार धान खरीदी की अवधि समाप्त होने में अब कुछ ही दिन शेष हैं, जिससे किसानों की चिंता और बढ़ गई है।
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि समय रहते व्यवस्था में सुधार नहीं किया गया, तो बड़ी संख्या में किसान अपनी पूरी उपज बेचने से वंचित रह जाएंगे। इससे किसानों पर कर्ज का बोझ बढ़ने की आशंका है, जबकि वे पहले से ही आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं।
सुलोचना सोमदेव कोरेटी ने शासन-प्रशासन से मांग की है कि धान खरीदी केंद्रों में टोकन की संख्या बढ़ाई जाए, प्रतिदिन खरीदी क्षमता में वृद्धि की जाए तथा व्यवस्था को शीघ्र सुचारु किया जाए, ताकि किसान बिना किसी परेशानी के अपनी मेहनत की उपज बेच सकें।

धान खरीदी केंद्रों की अव्यवस्था से किसान परेशान, कृषि सभापति सुलोचना कोरेटी ने उठाए सवाल
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