लोकेश्वर सिन्हा, गरियाबंद।
गरियाबंद जिले के मैनपुर और जुगाड़ थाना क्षेत्र के घने जंगलों में सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है। कोबरा 207 बटालियन, सीआरपीएफ और गरियाबंद पुलिस की संयुक्त कार्रवाई में नक्सलियों द्वारा छिपाए गए तीन डंप का खुलासा किया गया है। इन ठिकानों से सुरक्षाबलों ने भारी मात्रा में दैनिक उपयोग की वस्तुएं, राशन और प्राथमिक चिकित्सा सामग्री जब्त की है।
सुरक्षा एजेंसियों द्वारा यह दिनभर चलाया गया सर्च ऑपरेशन बेहद संवेदनशील और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण था। बरामद सामान से यह संकेत मिल रहा है कि नक्सली संगठन अब रसद और संसाधनों के मोर्चे पर कमजोर पड़ते जा रहे हैं। जंगल में लंबे समय तक छिपे रहने और अभियान चलाने के लिए जिन वस्तुओं की आवश्यकता होती है, वही सामान इन डंपों में पाया गया है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई नक्सलियों की कमर तोड़ने की दिशा में एक अहम कदम है। लगातार की जा रही दबिश और क्षेत्र में बढ़ती पुलिस उपस्थिति से माओवादियों की पकड़ कमजोर होती जा रही है।
इसी के साथ गरियाबंद पुलिस ने नक्सलियों से भावुक अपील भी की है—“हिंसा का रास्ता छोड़ें और समाज की मुख्यधारा से जुड़ें। आत्मसमर्पण नीति के तहत न केवल उन्हें एक सुरक्षित जीवन मिलेगा, बल्कि सरकार द्वारा नियमानुसार पुनर्वास की सभी सुविधाएं भी प्रदान की जाएंगी।”
यह कार्रवाई एक बार फिर यह संदेश देती है कि प्रशासन माओवाद के खिलाफ पूरी तैयारी और प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है, और अब वक्त है कि भटके हुए लोग समाज की ओर लौटें।
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