कांकेर 6 नवंबर 2025:- पखांजूर नगर पंचायत में एक अनोखा प्रशासनिक कारनामा सामने आया है। नगर पंचायत अध्यक्ष नारायण साहा ने अपनी अनुपस्थिति में अपनी ही पत्नी व वार्ड 15 की पार्षद मोनिका साहा को अध्यक्ष का कार्यभार सौंपने का पत्र जारी कर दिया। पत्र में न सिर्फ प्रशासनिक बल्कि वित्तीय अधिकार भी पत्नी को देने की बात दर्ज है। यह लेटर जारी होते ही नगर में इसकी जमकर चर्चा और मजाक उड़ने लगा, क्योंकि क़ानून में ऐसी कोई व्यवस्था है ही नहीं।
एसडीएम ने किया स्पष्ट—अध्यक्ष की गैरमौजूदगी में कार्यभार सिर्फ उपाध्यक्ष संभालेगा पखांजूर के एसडीएम ने मामले पर साफ कहा, अध्यक्ष की अनुपस्थिति में केवल उपाध्यक्ष ही पद संभाल सकता है। वित्तीय अधिकार किसी को सौंपना पूरी तरह गैरकानूनी है। यानी साहा द्वारा जारी यह आदेश कानूनी रूप से शून्य है और सिर्फ “कागज का पुलिंदा साबित होता है। अध्यक्ष साहा का बयान हाँ, पत्र मैंने ही जारी किया… छुट्टी तय नहीं, तब तक पत्नी देखेंगी काम
जब मीडिया ने अध्यक्ष नारायण साहा से बात की तो उन्होंने स्वीकार किया कि पत्र उन्होंने ही साइन करके जारी किया है। उन्होंने कहा,मैं छुट्टी पर हूँ, कितने दिन रहूंगा यह तय नहीं। तब तक मेरी पत्नी ही काम देखेंगी।
ध्यान देने योग्य है कि मोनिका साहा स्वयं पूर्व अध्यक्ष रह चुकी हैं, परंतु नियमों के अनुसार उनकी पुरानी कुर्सी नहीं, बल्कि वर्तमान उपाध्यक्ष ही वैध कार्यवाहक अध्यक्ष माने जाते हैं।
कांग्रेस का कटाक्ष भाजपा वालों को संविधान की ट्रेनिंग चाहिए” मामला राजनीतिक तूल पकड़ते ही कांग्रेस ने भी सरकार पर निशाना साधा। कांग्रेस नेता सुनील गोस्वामी ने तंज कसते हुए कहा, भाजपा वालों को संविधान की ट्रेनिंग लेनी चाहिए। अध्यक्ष खुद लेटरहेड पर आदेश नहीं लिखते, यह काम प्रशासन यानी सीएमओ का होता है।
इस पूरे प्रकरण ने पखांजूर नगर पंचायत में कानूनी जानकारी के अभाव, प्रशासनिक प्रक्रियाओं की अनदेखी और राजनीतिक हास्य का एक नया उदाहरण खड़ा कर दिया है।

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