बीजापुर विधायक विक्रम मण्डावी ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर मांग की है कि जिले में चल रही रेत खदानों की ई-नीलामी प्रक्रिया को तुरंत रोका जाए। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र आदिवासी बहुल और पेसा कानून के दायरे में आता है, जहां प्राकृतिक संसाधनों पर अधिकार ग्राम पंचायतों को दिया गया है।
विधायक ने बताया कि रेत खदानों की ई-नीलामी से पंचायतों के संवैधानिक अधिकार प्रभावित हो रहे हैं। अगर खदानों का आवंटन ग्राम पंचायतों को दिया जाए, तो पंचायतों की आय बढ़ेगी, ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत होगी और स्थानीय समुदायों को सीधा लाभ मिलेगा।
उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि पिछली सरकार ने ई-नीलामी प्रक्रिया खत्म कर रेत खदानों को फिर से ग्राम पंचायतों को सौंपा था, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और संसाधनों पर अधिकार मिला था। मगर अब ई-नीलामी शुरू होने से फिर से पंचायतें अपने अधिकार से वंचित हो रही हैं।
इसी आधार पर विधायक मण्डावी ने मुख्यमंत्री से अनुरोध किया है कि पेसा कानून की भावना को बनाए रखते हुए रेत खदानों की ई-नीलामी पर रोक लगाई जाए और खदानों का संचालन पूर्व की तरह ग्राम पंचायतों को ही सौंपा जाए।

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