कांकेर :- जिले में 15 नवंबर से धान खरीदी की शुरुआत तो कर दी गई है, लेकिन जमीन पर स्थिति बिल्कुल अलग है। कई धान खरीदी केंद्र अभी भी बंद पड़े हैं, जिन पर ताला लगा हुआ है। इससे किसान बेहद परेशान हैं।
किसानों का कहना है कि बोआई से लेकर कटाई तक कई समस्याओं से जूझना पड़ता है—बेमौसम बारिश, गिरदावली की गलत जानकारी और बढ़ता कर्ज। ऐसे में धान बेचकर ही उन्हें कुछ राहत मिलती है, लेकिन खरीदी शुरू न होने से वे मुश्किल में हैं। किसान लगातार शासन-प्रशासन से मांग कर रहे हैं कि जल्द से जल्द खरीदी शुरू की जाए।
ग्राम डुमरपानी के सरपंच कंश राम नेताम ने बताया कि ग्रामीण रोज उनसे पूछ रहे हैं कि धान खरीदी कब शुरू होगी। “15 नवंबर से खरीदी शुरू हो चुकी है, लेकिन चार-पांच दिन बीत जाने के बाद भी धान नहीं लिया जा रहा है
ग्राम के किसान सुमन कुमार सलाम ने बताया कि किसान बोआई से ही कर्ज में डूब जाता है। धान बिकने से ही वह कर्ज चुका पाता है, पर जब खरीदी ही नहीं हो रही, तो मजदूर और व्यापारी अपना पैसा मांग रहे हैं। “हम कहां से दें, जब धान ही नहीं बिक रहा,” उन्होंने कहा।
क्षेत्रीय कांग्रेस नेता सरजू शोरी ने भी स्थिति पर चिंता जताते हुए कहा कि जिले में कई जगह खरीदी रुकी हुई है। उन्होंने मुख्यमंत्री से मांग की है कि किसानों का धान जल्द से जल्द खरीदा जाए, ताकि वे राहत महसूस कर सकें। किसान शासन प्रशासन से मांग कर रहे है जल्द उनके धान खरीदे
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